भविष्य में ये खुलासा हो तो चोकियेगा मत की दोनो सेमी फाइनल फिक्स थे।
क्रिकेटरो की कुशलता पर शंका नहीं लेकिन नियत पर जरुर है। दूसरा अब इतना क्रिकेट खेला जाने लगा है जिससे भारतीयो का बहोत समय बरबाद होता है। अभी विश्व कप समाप्त हुआ थोडे दिनो में आईपीएल चालु होगा। कितना सट्टा खेला जाता है, ओफिस में कार्य उत्पादन को असर होती है वो तो अलग।
क्रिकेट का फैन मैं भी हूं लेकिन जब से समज में आ गया कि ये तो डब्ल्यू डब्ल्यू एफ की तरह फिक्स होता है तब से चाह घट गई है और आये दिन फिक्सिंग की खबरे चाह को और भी घटाती जा रही है।
ये खेल हमारा नहीं है उलटा ये खेल सिर्फ इंग्लेन्ड के दास रहे देश ही खेलते है। क्यों अमरिका या चीन या जापान या कोरिया इसे नहीं खेलते। मुजे पहले से पता था कि विश्व कप से पहले उत्तरोत्तर हारती भारतीय टीम अचानक एसा क्या हो गया कि विश्व कप की सारी मेचे जीतती गई? सोचने वाली बात है।
मार्केटिंग के ऐंगल से इसे देखना होगा। जैसे पहले बाजार की आवश्यक्ता थी तब भारतीय सुंदरीओ को मिस वर्ल्ड बनाया गया वैसे ही अब ऐसा हो गया है कि अगर भारतीय टीम सेमी फाइनल तक न पहोंचती तो बहोत सारे भारतीय मेच देखना बंध कर देते। और इस कारण जिस कंपनीओ ने एड के स्लोट खरीद के रखा था उनको फटका पडता। इसी लिऐ पहले से ही तय था कि भारतीय टीम सस्ते में विश्व कप से बहार नहीं होनी चाहिऐ। और वो ही हुआ। वैसे सटोरियो के हिसाब से भी भारत बहोत बडा मार्केट है। भारत की सही तरक्की करनी है तो क्रिकेट और खास कर के आईपीऐल पर कुछ वर्ष तक प्रतिबंध रख देना हितावह होगा।