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Thursday, May 31, 2018

कैराना व अन्य उपचुनाव के परिणाम क्या दर्शाते हैंॽ

जयवंत पंड्या
आज कल पूर्व हिन्दू हृदय सम्राट और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रमजान की उर्दू में शुभकामना दे रहे है। (शुभकामना का विरोध नहीं है, भाषा का है), प्रेमचंद मुन्शी की ईदगाह का उल्लेख करने लगे है। गुजरात सरकार ने भी हिन्दूवादी का थप्पा न लगे इस लिए पर्जन्य यज्ञ करने का निर्णय वापस लिया। अजान के समय अपना भाषण रोक देना ये भी मोदी-शाह करने लगे है। ये सभी का विरोध नहीं है। विरोध इस बात का है कि जब कॉंग्रेस या अन्य विपक्ष के लोग करते थे तो भाजपवाले इसे अल्पसंख्यको का तुष्टिकरण बताते थे।

कर्णाटक में प्रशांत पूजारी समेत २३ हिन्दूओ की हत्या का मुद्दा न चला क्योंकि चुनाव  के समय ही उठाया, पहले उठाया नहीं। चुनाव के लिए बाकी रखा।(पश्चिम बंगाल और केरल में भी यही हो रहा है)
कैराना में भी हिन्दूओ के पलायन का मुद्दा जोरशोर से उठाने के बाद पीछे  हट गये।

क्या हिन्दू ये नहीं समजते होगेॽ भाजप भूल रहा है कि २००४ में आडवाणी ने भी सेक्युलर होने की कोशिश की थी। इन्डिया शाइनिंग के नाम पर विकास के प्रचार की आंधी थी। विकास सचमुच अच्छा हुआ था। (सडक, जीडीपी,  पोखरण जैसे अनेक मुद्देसभाजप के पक्ष  में थे।) २००२ में महंत फरमहंस रामचंद्र और विहिप के विरुद्ध सुरक्षा दल खडे कर दिये थे। परिणाम क्या हुआॽ २००४ में हार गये। २०१९ में भी एसा हो सकता है।

पीछली २० मई को दिल्ली की मेरी एक दिवसीय यात्रा से मैं लौट रहा था। पहाडगंज स्टेशन की ओर से प्रवेश कर रहा था। वहां एस्केलेटर की अच्छी सुविधा है। प्लेटफॉर्म १ का सुधारकाम चल रहा था। गाडी प्लेटफॉर्म ३ पर आनेवाली थी। एस्केलेटर से जाने के लिए गया। लेकिन एस्केलेटर उपर जाने के लिए बंद! नीचे आनेवाला एस्केलेटर शुरू। एक मुस्लिम बुजुर्ग मुश्किल से एस्केलेटर पर सामान के साथ चड रहे थे। मैने सोचा, बुजुर्ग है, रमजान भी है। चलो सहाय की जाये। मैने चाचा से कहा,  लाओ ये थैला मैं उठा लूं। चाचा स्वावलंबी थे। बोले, शुक्रिया बेटा। मैं उठा लूंगा। ये कर्णाटक में हार का गुस्सा है।

ये एक सामान्य मुसलमान की सोच है। १९ मई को कर्णाटक विधानसभा में हार हुई इस लिऐ नई दिल्ली का चडनेवाला एस्केलेटर बंध रखा जाये एसा कोई सरकार क्यों करेगीॽ हालांकि एसी सोच बनाने में मिडिया का भी प्रदान है। कर्णाटक चुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम बढने के समाचार का शीर्षक एक गुजराती पत्र में एसा था- कर्णाटक की हार का गुस्सा। एसा गुस्सा सरकार क्यों करेगी भलाॽ क्या वो नहीं जानती होगी कि हमारे इस कदम से हमारे मतदाता हम से रूठ जायेंगेॽ

दूसरा ये भी कि भाजप कांग्रेस की राह पर चल रहा है। कर्णाटक के चुनाव के समय पेट्रोल - डीजल के दाम बढने नहीं दीये। ये बूमरेंग हुआ। कर्णाटक का चुनाव तो हो गया और अपेक्षाकृत परिणाम नहीं  आये। लेकिन इस के बाद कई दिनों तक दाम निरंतर बढने दीये। नतीजा ये हुआ  कि मोदी सरकार के चार वर्ष के मूल्यांकन पर पेट्रोल - डीजल के बढे हुए दाम छाये रहे।

तात्पर्य ये कि भाजप चाहे जितना सेक्युलर हो ले, सामान्य मुसलमान के मन में अभी भी टीस या नफरत है ही। वो कभी भाजप को मत नहीं देंगे। सेक्युलर होने के चक्कर में भाजप हिन्दू मतदाता को भी गंवा देगा। हिन्दू मध्यम वर्गीय मतदाता  वैसे भी अपनेआप को ठगा अनुभव करता है। २०१४ के चुनाव में भले भाजप या मोदी ने सीधेसीधे वचन न दीया हो, लेकिन बाबा रामदेव का 'आप की अदालत'वाला विडियो जो आज वाइरल है उस में रामदेव दर्शको से पूछते है कि आप को कैसा प्रधानमंत्री चाहिएॽ पेट्रोल के दाम ३५ कर दें एसा या ७२ कर दे एसाॽ रामदेव ने आय कर समाप्त करने की भी बात की थी। काला धन वापस लाने का भी कहा था। ये सब छोडो, आय कर सीमा कुछ विशेष नहीं बढ़ी।एफडी,  स्मोल सेविंग स्कीम पर ब्याज दर निरंतर घट रहे हैं। नौकरी कर रहे लोगो के वेतन में विशेष बढौती नहीं हुई। और अब, हिन्दूत्व को भी भाजप हांसिये पर कर रहा है।

परिणाम ये हो सकता है कि हिन्दू के मत भी न मिले और अन्य पंथ के भी न मिले। अर्थात् कर्णाटक का पुनरावर्तन  समूचे देश में हो सकता है। 

Monday, May 30, 2011

When will muslim leaders stop loving Pakistan?


I can't understand what problem minority organisation has. There is one dialogue against Pakistan in Gujarati film 'sarhard ni paar mari Radha'.
All India Minority Cell, Loktantrik Janata Front, New Delhi has objected against one dialogue and indirectly threatened that communal harmony can be at risk.Even Pakistan is not safe now, then why don't minority leaders and organisation stop loving Pakistan when Pakistan has been trying to damage Bharat since its birth.