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Thursday, November 7, 2019

क्या शरद वपार लिबरलों-सेक्युलरों के नये तारणहार है?

एक नया नेरेटिव चला है। शरद पवार का। लिबरल शरद पवार की प्रशंसा करते थकते नहीं है। राहुल गांधी की गुजरात में मॉरल विक्टरी बतानेवाले अब उसपे चूंकि कुछ कह नहीं सकते, इस लिए शरद पवार में उन्हें नया तारणहार नजर आ रहा है। वास्तव में शरद पवार ने एसा कोई करिश्मा नहीं कर दिखाया है महाराष्ट्र में। एसा होता तो शिव सेना से दो सीट कम क्यों लाते? दूसरे क्रम के पक्ष के रूप में क्यों नहीं उभरते? इस में कोई शंका नहीं है कि उन्होंने अकेले यह लडाई लडी और बारिश में भी सभाएं इस वय में की है। लेकिन इस के पीछे अपने दल की जमीन बचा कर उस को बेटी सुप्रिया को सोंपने की विवशता भी तो हो सकती है। भतीजे अजित पवार ने चाचा की पारिवारिक राजनीति के चलतेो वैसे भी हाथ खडे कर लिए थे।
और रही बात सरकार बनाने की, तो उन का जो स्टैन्ड है कि भाजप-शिवसेना को जनादेश मिला है, अतः वे ही सरकार बनाए, ये एसे ही नहीं जन्मा है। कॉंग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को मिल कर उन्होंने सरकार बनाने को लेकर उनका मन टटोलने की कोशिश तो कर ही ली थी और उनके दल से भी शिवसेना को संकेत मिले ही थे, तभी तो शिवसेना इतनी जोर से कूद रही है। चूं कि कॉंग्रेस से दाल नहीं गली, इस लिए शरद पवार अब नैतिकता का राग आलाप रहे है।
दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि इडी के जरिये मोदी सरकारने शरद पवार को दबाने की कोशिश की इस लिए एनसीपी को इतनी सीटें आई। लेकिन यह भी सोचिए कि नरेन्द्र मोदी और शरद पवार में स्नेह और आदरभाव किसी से छूपा नहीं है। इस लिए तो २०१४ में शरद पवार और उनके भतीजे पर आरोपों की बौछार करनेवाले नरेन्द्र मोदी ने पीछले कार्यकाल में अपने समर्थको को दुःखी कर के भी उन को पद्मविभूषण दे दिया था। और एक कार्यक्रम में उनकी भरपूर प्रशंसा की थी।
दूसरी ओर २०१४ में विधानसभा चूनाव के बाद शिवसेना रहित लडने के कारण जब भाजप को बहुमत चहिए था, तब शरद पवार के दलने विधानसभा में समर्थन दिया था। राफेल पर जब राहुल गांधी चौकीदार चोर है का राग आलाप रहे थे तब शरद पवार नरेन्द्र मोदी की मदद में आए थे। तो इडी की यह कवायत हो सकती है कि महाराष्ट्र में कॉंग्रेस को छोटा भाई बनाने और एनसीपी को बडा भाई बनाने के लिए नरेन्द्र मोदी के चाणक्य दिमाग से निकली हो।



Wednesday, July 3, 2013

Nostalgia : Historic speech of Sushma Swaraj and Nitish Kumar as Chairman!


Here I present beautiful speech of Shrimati Sushma Swaraj, who is leader of oppoistion in Lok Sabha at present. This speech is of 1996 when after 13 days, Vajpayee government was down and Deve Gowda government moved confidence vote.

During discussion, Sushmajee defines “Bhartiyata” very well. She also told, “Yes, we are proud that we are Hindus.” She pointed out contradictions between various parties and its heads.

She showed great sense of humour also. She told Sharad Pawar was playing role of Lalita Pawar.

If we draw comparision between that time and this time, there is similarity. At that time former prime minister Mr. Narsimha Rao was known as “Mauni Baba”. Now present prime minister Man Mohan Singh is known as “Maun Mohan Singh”.

It is interesting to see that person presiding in chair is none other than Nitish Kumar who has become anti BJP now after Narendra Modi was promoted as chairman of BJP campaign committee.